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जो बोल कर समझाना पड़े
वो प्यार नही चाहिए
जो कागज़ी हो ,,,, रिश्तों में
वो करार नही चाहिए
झुक जाऊंगी तेरे लिए
हजार बार,,,,,पर
जब तू मुझे झुकाए तो
तू मुझे यार नही चाहिए
गंगा सा बहाव हो
तेरे मेरे प्यार में
विशालता के नाम पर
सागर सा ठहराव नही चाहिए
वो प्यार नही चाहिए
जो कागज़ी हो ,,,, रिश्तों में
वो करार नही चाहिए
झुक जाऊंगी तेरे लिए
हजार बार,,,,,पर
जब तू मुझे झुकाए तो
तू मुझे यार नही चाहिए
गंगा सा बहाव हो
तेरे मेरे प्यार में
विशालता के नाम पर
सागर सा ठहराव नही चाहिए
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