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कम से कम इतना तो करना
जिन्होंने एक उमर लगा दी
तुम्हे पलने के लिए
उन्हे अपने कुछ लम्हे देना
रख कर उनके हाथो पर अपना हाथ
पूछना एक सवाल
क्या मैं वैसा बन पाया
जैसा तुम चाहते थे,,,,,,,,,
क्या खुश हो मेरे साथ उस तरह से
जैसे बचपन में मैं होता था
तुम्हारे साथ,,,,,,,,
क्या फिर चाहोगे कोई मुझासा
अगले जन्म में
उनका जवाब तुम्हारे जीवन
की सार्थकता बताएगा,,,,,
जिन्होंने एक उमर लगा दी
तुम्हे पलने के लिए
उन्हे अपने कुछ लम्हे देना
रख कर उनके हाथो पर अपना हाथ
पूछना एक सवाल
क्या मैं वैसा बन पाया
जैसा तुम चाहते थे,,,,,,,,,
क्या खुश हो मेरे साथ उस तरह से
जैसे बचपन में मैं होता था
तुम्हारे साथ,,,,,,,,
क्या फिर चाहोगे कोई मुझासा
अगले जन्म में
उनका जवाब तुम्हारे जीवन
की सार्थकता बताएगा,,,,,
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