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काफी है जिंदगी के लिए इतने गम
तू और देने की जेहमत ना उठा,,,,,,,
दोस्त है , मार सकता है तू निगाहों से
बेकार में हाथ से कयामत ना उठा,,,,,,,
तू और देने की जेहमत ना उठा,,,,,,,
दोस्त है , मार सकता है तू निगाहों से
बेकार में हाथ से कयामत ना उठा,,,,,,,
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