पृथ्वी सी स्त्री!'s image
Women's DayPoetry1 min read

पृथ्वी सी स्त्री!

Chanchal JainChanchal Jain November 11, 2021
Share0 Bookmarks 216378 Reads1 Likes
पुरुष स्त्री से अपेक्षा कर लेता है पृथ्वी समान धैर्य की,
किंतु ख़ुद नहीं बन पाता समुद्र की तरह अथाह गंभीर।
पुरुष स्त्री से अपेक्षा करता है हंस के जैसी निष्ठा की,
किंतु ख़ुद कपटी होकर भी नाम दे देता है उसे प्रेम का।
पुरुष स्त्री से कहता है कि तुम महानता की मूरत हो!
और बैठा देता है उसे उच्च स्थान पर ताकि वो

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts