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Romantic PoetryPoetry1 min read

आदतें अजीब होती हैं...

Chanchal JainChanchal Jain October 8, 2021
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आदतें अजीब होती हैं,

मुझे सब बिखेरने की आदत है

और तुम्हें सहेजने की।

मैंने जब-जब बिखेरा है

कमरे का सामान,

शेल्फ़ में सजी किताबें,रसोई में जब रख दिये

चाय-चीनी, दाल-चावल के डिब्बे

इधर-उधर!

तुमने आकर पीछे से सब रख दिया

वैसा का वैसा जैसा था पहले,

यह तुम्हारी आदत थी।

आदतें अजीब होती हैं,

हज़ारों मील दूर बैठे हुए भी लेकिन,

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