
Share0 Bookmarks 54 Reads2 Likes
बादलों में सेहमे हुए मेरे सारे सपने ना जाने कबसे चुप रहे खुद अपना रास्ता दूंथे ना जाने कबसे भटके रहे दिल में जो हजारो सवाल भरने लगे एक बारिश से सारे उल्जे हुए ख्याल आज जाके सुलझ ने लगे
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments