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तुम्हारी पहचान तुम्हारे कर्मों से है
कर्म वो जिसमें फल का लालच ना हो
कर्म वो जो आपके इंसान होने का प्रमाण हो
कर्म वो जो अनजान के चेहरे पर हँसी लाए
कर्म वो जो ईश्वर से नज़रें मिलाने के क़ाबिल
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