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घर रहे जाॅं ज़िंदगानी और भी है

SukeshiniPoetrySukeshiniPoetry June 5, 2022
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गर रहे जाॅं ज़िंदगानी और भी है
तेरे ख़िदमत में कहानी और भी है

ऐ ज़माने,ख़ुश है मुझ को मार कर तू 
बाद मेरे खूॅं रवानी और भी है

दामने-दिल छोड़ दे ये जुस्तजू तू
दिल में कुछ राज़

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