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हम तो किताब उठा ही नहीं पाते,
मन की व्यथा मिटा ही नही पाते,
हम तो रहते हैं खोये तेरी यादों में,
शायरी से छुटकारा पा ही नही पाते।
~ आशीष सिंह
मन की व्यथा मिटा ही नही पाते,
हम तो रहते हैं खोये तेरी यादों में,
शायरी से छुटकारा पा ही नही पाते।
~ आशीष सिंह
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