प्यार भरी आँखें's image
Love PoetryPoetry1 min read

प्यार भरी आँखें

Ashish SinghAshish Singh January 22, 2023
Share0 Bookmarks 30881 Reads0 Likes

देखकर तेरी आँखों को , मैं

युं ही बेचैन हो जाता हुँ,

पढ़ना चाहता हुँ तेरी आँखों को,

मगर खुद को उनमें खोया हुआ पाता हुँ,

तेरी आँखों की कश्ती में,

जहाँ किनारा ढूँढना चाहता हुँ,

वहाँ उन आँखों की मस्ती में,

खुद को डूबता हुआ पाता हुँ।

            &

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts