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एक दिन ऐसा आयेगा,
ख़ाक में सब मिल जायेगा,
रह जायेंगी कुछ गुजरी यादें,
जिन्हे ना कोई गुनायेगा।
तु कर ले अपनी जितनी मर्जी,
सुनेगा ना कोई तेरी अर्जी,
दान-पुण्य अभि करले जितना,
है पाप को तेरे तभी को मिटना।
तु क्या ही लेकर आया था,
और क्या ही लेकर जायेगा,
छोड़ के सब कुछ जायेगा,
जब काल तुझे बुलायेग
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