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कवीताओं से बना संसार मैने बुना ,
लाखो थे रास्ते मगर तुने मुझको चुना ,
एक पल की जींदगी क्यों आंसु बहा के गुजारूँ
तु आएगा जरूर इकदीन
हर पल तेरी राह मै निहारू ,
तुझस दीन मेरे , तुझसे राते मेरी
तुझसे ही है मेरा जहाँ सारा
तू ही है एक मेरी जींदगी का सहारा
तुझसे ही मेरा जहाँ सारा
मैं , ये नदीयाँ , ये फुल
ये सुंदर झील हो जाए पावन और शीतल
अगर जाए तु मील
तु ही तु है अपना सबकुछ तुझपे लगाऊँ
चाहे दीन हो चाहे रात हो
बस तुझको पाना चाहूँ
मैं बस तुझको पाना चाहुँ ।
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