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जाने की अब है तैयारी
दिल पर बोझ बहुत है भारी
जीवन माटी का है ढेला
दिल ने कितना कुछ है झेला
ज़ब्त बहुत था अपने दिल में
पर हिम्मत वो हार गया था
दुनियां से लड़ते लड़ते ही
दिल को अपने मार गया था।
सबकी है बस एक कहानी
ना राजा है ना कोई रानी
सबको है आना और जाना
अपनी ढपली, अपना गाना
क्या सोचे है, क्या खोया था
फसल वो काटी, जो बोया था
सोचो याद करेगा कोई
याद में तेरी मरेगा कोई
सबका दुख है तुझसे बढ़कर
सब जीते हैं उससे लड़कर
तुझको जीतना है इस रण को
चाहे खुशी मिले बस इक छण को
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