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सोचा ना था कभी ,
इस कदर टूट कर चाहेंगे किसी को
कि कलेजा फूट फूट कर रोएगा
चाहत तो होगी तेरी पर चाह ना सकेंगे
ये नाज़ुक सी कश्ती मेरी,
रह जायेगी बीच भंवर में ही अटक कर,
किनारे के नजदीक होकर भी
नजर ना कोई छोर आएगा
कि लहरे ऐसी आएंगी,
जो पतवार को ही डूबा जाएंगी
सोचा ना था कभी !!
- भूमिका
इस कदर टूट कर चाहेंगे किसी को
कि कलेजा फूट फूट कर रोएगा
चाहत तो होगी तेरी पर चाह ना सकेंगे
ये नाज़ुक सी कश्ती मेरी,
रह जायेगी बीच भंवर में ही अटक कर,
किनारे के नजदीक होकर भी
नजर ना कोई छोर आएगा
कि लहरे ऐसी आएंगी,
जो पतवार को ही डूबा जाएंगी
सोचा ना था कभी !!
- भूमिका
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