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एक अधूरी ख्वाहिश

Bhumika DaveBhumika Dave January 30, 2023
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ख्वाहिशें यूं तो कई अधूरी रही,
पर ना जाने क्यों,
एक ख्वाहिश पे दम निकले !!
खींचती रही प्राण मेरे,
किसी जोंक की मानिंद
कश्ती यूं तो कई बार डूबी,
पर ना जाने क्यों,
इस दफा तैर कर भी पार ना हम निकले !!

- भूमिका

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