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दूसरी भाषाएँ बोल लिजिए, सिख लिजीएँ
पर जो भाषा दिल से निकले उसे न छोडिएँ
गुस्सा होने पर जो शब्द निकल जाते है..
किसी पे प्यार आने पर जो शब्द दिल मे रह जाते है..
पर बया न हो पाते है..
किसी कि मदद मिलने पर जो दुआ
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