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कहते है भाग्योदय जब होता है
बेटी का तब जन्म होता है।
लक्ष्मी बन वो आती है
घर मे रोशनी वो लाती हैं।
है सुख दुःख की अपने पिता की साथी वो।
ओर गुमान भी कहलाती है।
दुर्गा का स्वरूप वो ,चंडी भी बन जाती है।
अपने पिता के लिये धूप में छाँव भी लाती है
बेटी का तब जन्म होता है।
लक्ष्मी बन वो आती है
घर मे रोशनी वो लाती हैं।
है सुख दुःख की अपने पिता की साथी वो।
ओर गुमान भी कहलाती है।
दुर्गा का स्वरूप वो ,चंडी भी बन जाती है।
अपने पिता के लिये धूप में छाँव भी लाती है
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