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जीवन प्रसाद बनके उतरे हो
बिना मेरे जीवन जैसा है
जस का तस है l
जिस श्रवण में जीवन है
वह श्रवण कितना अद्भुत है
जहां पर जीवन उपस्थित हैं
वहां का हीं श्रवण हैं l
मैं अवसाद
संबंधित होना चाहती हूं
यहां संवाद के श्रवण में
जीवन इतना भरपूर है
मैं अवसाद आते ही
मैं का अवसान हो रहा है
श्रवण में l
श्रवण जैसा है जस का तस
श्रवण में है l
भावना कुमारी व्यास
11/5/2023
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