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तलाश
ना सुख की कमी है कभी भी,
ना कभी दुःख का आभास है,
फिर भी लगता है जीवन में,
जाने किसकी अभी तलाश है।
निकल पड़ते हैं रोज घर से,
छुपाए दिल में जैसे आस है,
मिलता है बहुत कुछ यूं तो,
फिर भी रह जाता एक काश है।
कभी टूटते हैं कभी जुड़ते हैं,
जब तक भी चलती ये सांस हैं,
ना छूटता है मोह का बंधन कभी,
बनी रहती अनंत तक एक प्यास है।
पूजा पीहू
pooja.peehu0511
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