
तुम किसी और की हो गई
मैं कैसे जिऊंगा तुम्हारे बिन?
ईश्वर ये कैसी सजा सुना दी
मेरे प्यार को मुझसे दूर कर दिया
जीते जी मुझे मरने को छोड़ दिया
तन्हाई से मेरा नाता जोड़ दिया
तुम किसी और की हो गई
बेवफा तो तुम नहीं
यह समय का ही फेर हो गया
मेरा प्यार मुझसे दूर हो गया
कैसे जियोगी मेरे बिना तुम
ये चिंता मेरे को खा गई
कैसे जिऊंगा तेरे बिन मैं
मेरी चिंता तुझको आ गई
ईश्वर हमको ताकत दे
मेरी हो तुम मेरी तुम
गर्व करना
मैं तुमसे प्यार करता हूं
गर्व है मुझे
तुम मुझसे प्यार करती हो
दूर होकर भी
मैं तुमको ही जिऊंगा
हम तो एक दूसरे के
दिल में ही रहेंगे
तुम किसी और की हो गई
मैं कैसे जिऊंगा तुम्हारे बिन?
खुश रहना तुम
जा रहा हूं हिमालय
तप करूंगा
अपने महादेव को
मैं खुश करूंगा
तुमको पाने के लिए
मैं हठयोग करूंगा
मेरी हो तुम मेरी तुम
महादेव से मैं
यह विनती करूंगा
अपने प्यार को मैं
पा के रहूंगा
तुम किसी और की हो गई
मैं कैसे जिऊंगा तुम्हारे बिन?
~भरत सिंह
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