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तुम मेरी कविता हो
तुम मेरी प्रेम कहानी हो
तुम सिर्फ मेरी हो..
मुश्किल हो गया था
हमारा एक होना
तोड़ नहीं पाए हम
सामाजिक बेड़ियां
लांग नहीं पाए हम
समाज की दीवारों को
जटिल हो गया था
हमारा मिलना..
इज्जत रख ली मैंने अपने प्यार की
देवदास नहीं मैं कवि हो गया
शराब नहीं मैंने कलम उठा ली
जीना सीख लूंगा मैं तुम्हारे बिना
मुश्किल है लेकिन मैं यह काम करूंगा
मर के नहीं मैं
अपनी मोहब्बत को बदनाम करूंगा
शराब नहीं मैंने कलम उठा ली
तुम्हारी दूरी ने
मुझे लिखना सिखा दिया
तुम्हारे प्यार ने
मुझे कवि बना दिया
लिखूंगा मैं अपने तन्हाई को
लिखूंगा मैं हमारे प्यार की सच्चाई
लिखूंगा मैं हमारी प्रेम कहानी
'कविता मेरी प्रियसी'
देवदास नहीं मैं कवि हो गया
शराब नहीं मैंने कलम उठा ली
सुनो ना ..
तुम अपनी बेटी को सुनाना&
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