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प्रेमिका के लिए
मेरी तलाश पूरी हुई
सामने आकर जब वो
बिजली सी खड़ी हुई
मेरे सपनों में आने वाली
मेरे सामने थी खड़ी हुई
मैं तो देखता रह गया
झील सी आंखों वाली
मुझको वह ढूंढ रही थी
चेहरा उसका चांद सा
चमक रहा था
सर पर उसके
कोहिनूर का ताज था
बाल उसके लंबे काले
बादलों के जैसी घुमड़ के
चांद से चेहरे को
बार बार घुंघट कर रहे थे
मुंह दिखाई जैसी वो
मेरे से मांग रहे थे
लंबा सुन्दर
नाक उसका
आर्यावर्त की वो
राजकुमारी लग रही थी
होठ उसके गुलाबी
रस टपका रहे थे
प्यास बुझाने मेरी
मुझको तलाश रहे थे
प्रेमिका के लिए
मेरी तलाश पूरी हुई
सामने आकर जब वो
बिजली सी खड़ी हुई
नागिन के जैसी
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