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मुझे भाता साथ तुम्हारा
लोट के आजा अपने देश
लगन मेरी तुमसे लगी
पहुंचती होंगी तुम तक
आहें मेरी..
कर रहा हूं कलमबद्ध
अपने एहसास ..
लिख रहा हूं तुम्हें कविताओं में
सिहर जाती होगी तुम
महसूस करके बेकरारी मेरी
ना कोई बात ना कोई चीत
क्यों मेरी जान निकाल ले गई तुम
देख जीना भू
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