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मेरी वैलेंटाइन मेरी कविता
मेरी हर खुशी तुमसे है
क्यों इंतजार करूं मैं वैलेंटाइन डे का?
तुम मेरी हर रोज वैलेंटाइन
होली का तुम गुलाल
घर की तुम लक्ष्मी
हर रोज खिलता मेरा वो गुलाब है
मेरी कविता
प्यार का पर्याय मेरी कविता
मेरी वैलेंटाइन मेरी कविता
लिखता हूं प्यार बन जाती है
पढ़ता हूं साहस बन जाती है
हर उदासी का अंत बन जाती है
जीने की प्रेरणा देती है
उत्साह का संचार करती है
मेरी कविता
बच्चों के लिए वात्सल्य बरसे
बुजुर्गों का रखे मान
परिवार के लिए समर्पित
संस्कृति का करती सम्मान
नारी की संपूर्णता का उदाहरण
सर्वगुण संपन्न
मेरी कविता
एक रोज तुम खुद कहोगी
क्यों इतना प्यार करते हो मुझसे?
जवाब भी मेरा वही होगा
मैं बहुत प्यार करता हूं तुमसे
मेरी कविता
मेरी वैलेंटाइन मेरी कविता
~ भरत सिंह
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