
Share1 Bookmarks 279 Reads4 Likes
पतंग हमारी कितनी प्यारी
जीवन के रंग समेटे सारी
डोर सजनी तेरे हाथों में
उड़ाना जरा संभाल के
छूट न जाए कहीं डोर तेरे हाथ से
यूं ही उड़ता रहे पतंग हमारा अभिमान से
छूना है इसे आसमान कविता हमारे प्यार में
सजना पतंग हमारी
प्राण से है मुझको प्यारी
इसमें डोर है विश्वास की
कटेगी नहीं साजिसों से
छुएगा आसमान पतंग हमारा
बनेगा उदाहरण प्यार हमारा
गर्व से कहती हूं तू कवि मेरा
मैं कविता तुम्हारी
जान से प्यारी पतंग हमारी
~ भरत सिंह
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments