
मेरे जैसे कौन तुम्हें चाहेगा
मेरी रगों में दौड़ता रक्त हो
मेरी कविता मेरी सांस हो तुम
मेरे दिल की धड़कन हो
मेरे सपनों की उर्वशी हो
मेरी रूह में बसी हो
तुम परछाई हो मेरी
मैं साया हूं तेरा
तुम्हारे दुख दर्द का हमदर्द हूं
मेरे जैसे कौन तुम्हें चाहेगा
रूठ गई तो
मेरे जैसे कौन तुम्हें मनाएगा
कौन तुम्हें मेरे जैसी
कविताएं सुनाएगा
दीवाना हूं मैं तेरा
कौन ऐसी दीवानगी दिखाएगा
मेरे जैसे कौन तुम्हें चाहेगा
मेरे जैसे कौन तुम्हें शॉपिंग कराएगा
कौन तुम्हें मल्टीप्लेक्स में फिल्में दिखाएगा
कौन तुम्हें गोवा बीच पर पानी पूरी खिलाएगा
कौन तुम्हें फॉरेन घुमाएगा
मैं तो दीवाना हूं तेरा
मेरे जैसे कौन तुम्हारे नखरे उठाएगा
मेरे जैसे कौन तुम्हें चाहेगा
तुम्हारी मां के बाद तुम्हें किसने इतना चाहा है?
आंखें बंद करो दिल पर हाथ रखो
मुझे ही पाओगे
मेरा पूरा संसार हो तुम
मेरे जैसे कौन तुम्हें चाहेगा
~भरत सिंह
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