
दिन रात मैं तुम्हें याद करता हूं
कभी-कभी तो
मैं सांस लेना भी भूल जाता हूं
लेकिन तुम्हें याद करना
मैं कभी नहीं भूलता
तुम ही मेरी भगवान हो गई
कब तुम मानोगी मुझे अपना
तुम्हारी धुन में ही मैं रहता हूं
दिन रात मैं तुम्हें याद करता हूं
अपने आस पास ही मैं
तुम्हें महसूस करता हूं
तुम्हारे एहसासों में ही
मैं जिंदा रहता हूं
तुम मुझे अपना
प्रेमी कहो
पागल कहो
दीवाना कहो
यह तुम पर छोड़ा है
मैं तो तेरा हूं
तेरा हूं
तेरा हूं
कब तुम मानोगी मुझे अपना
तुम्हारी धुन में ही मैं रहता हूं
दिन रात मैं तुम्हें याद करता हूं
कभी-कभी तो मैं
खाना पीना भी भूल जाता हूं
तुम्हारी यादों में
ऐसा मगन हो जाता हूं
जैसे कोई भक्त
ईश्वर भक्ति में लीन हो गया
मैं तो तेरा भक्त हूं
तुम मेरी राधा हो
तुम ही सोच लो
तुम्हें क्या करना है
मैंने तो सोच लिया है
तुम्हें पाना है
पाना है
पाना है
तुम्हारे बिना
मेरा कोई वजूद नहीं
तुम्हारे एहसासों से ही
मैं जिंदा रहता हूं
इंतजार है मुझे
तुम एक दिन कहोगी
मैं भी तुमसे प्यार करती हूं
उसी दिन के इंतजार में
मैं तपस्या करने बैठा हूं
तुम्हें पाने के लिए
मैं भगवान से लड़ रहा हूं
एक दिन मैं तुम्हारे
पत्थर दिल को पिघला दूंगा
अपने लिए मैं
प्यार उसमें में भर दूंगा
कब तुम मानोगी मुझे अपना
तुम्हारी धुन में ही मैं रहता हूं
दिन रात मैं तुम्हें याद करता हूं
आएगा वह दिन जरूर
जब तुम कहोगी
मैं तो तेरी हूं
तेरी हूं
तेरी हूं
लव यू
लव यू
लव यू
कब तुम मानोगी मुझे अपना
तुम्हारी धुन में ही मैं रहता हूं
दिन रात मैं तुम्हें याद करता हूं
~भरत सिंह
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