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दिन रात
मैं तुम्हें याद करता हूं
तुम
कब मुझे अपना मानोगी
तुम्हारी धुन में ही मैं रहता हूं
अपने आस पास ही
तुम्हें महसूस करता हूं
तुम्हारे एहसासों में ही
मैं जिंदा रहता हूं
मैं तो तेरा हूं
तेरा हूं
तेरा हूं
कभी-कभी तो
मैं खाना पीना भी भूल जाता हूं
तुम्हारी यादों में
ऐसा मगन हो जाता हूं
तुम्हारे बिना
मेरा कोई वजूद नहीं
इंतजार है मुझे
तुम एक दिन कहोगी
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