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मैं बेटी हूं
कमजोर नहीं
अपने पैरों पर खड़ी हूं
मैं जननी हूं, बहन हूं, बीवी हूं
निभाती रिश्ते आजीवन निस्वार्थ भाव से
मैं शक्ति हूं
हर रिश्ते का आधार हूं
जो मेरा सम्मान करता
जीवन में हर ऊंचाई छूता
जहां होता मेरा अनादर
सुनिश्चित उनका नाश होता
क्यों मारते मुझे कोख में?
मैं बेटी हूं
मैं कर्मठ हूं
समाज के लिए लड़ी हूं
शिक्षा ,स्वास्थ्य ,सेना ,पत्रकारिता ,
लेखन और ज्ञान विज्ञान सभी क्षेत्र में योगदान मेरा
स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण स्थान मेरा
सुदूर पहाड़ों में सफल टीकाकरण कर
हर महामारी के खिलाफ अभियान मेरा
हाल ही में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में
डिजिटल दुनिया ने देखा साक्षात दुर्गा का रूप मेरा
कोरोना वॉरियर का मिला सम्मान मुझे
क्यों मारते मुझे कोख में?
~ भरत सिंह
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