Share0 Bookmarks 47422 Reads1 Likes
मैं बेटी हूं
कमजोर नहीं
अपने पैरों पर खड़ी हूं
मैं जननी हूं, बहन हूं, बीवी हूं
निभाती रिश्ते आजीवन निस्वार्थ भाव से
मैं शक्ति हूं
हर रिश्ते का आधार हूं
जो मेरा सम्मान करता
जीवन में हर ऊंचाई छूता
जहां होता मेरा अनादर
सुनिश्चित उनका नाश होता
क्यों मारते मुझे कोख में?
मैं बेटी हूं
मैं कर्मठ हूं
समाज के लिए लड़ी हूं
शिक्
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments