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सुख हो या दुख हो,
बस शांत रहना चाहिए
संडे हो या मंडे हो
मूड शायराना रहना चाहिए
हाथों में हाथ
प्रियसी का रहना चाहिए
जीवन आसान हो जाता है
जीवन है
प्यार का पर्याय
ईर्ष्या और द्वेष में
स्वंम को ना जलने दें
प्रवचन कम करें
वचन पर दृढ़ रहे
इधर-उधर की बातों में
समय बर्बाद नहीं करें
संगत और सोच
सात्विक रहनी चाहिए
दोस्त के भेष में जो दुश्मन है
उसकी की पहचान रहनी चाहिए
जीवन सफल हो जाता है
सर्दी हो या गर्मी
आलस्य नहीं होना चाहिए
जितना हो उतना
कार्य करते रहना चाहिए
जब भी मिले समय पढ़ना चाहिए
हो सके तो कुछ लिखना भी चाहिए
जब भी हो साथ प्रियसी का
रोमांटिक रहना चाहिए
जीवन आनंदमय में हो जाता है
~भरत सिंह
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