
प्रियसी मुझे
जीना सिखा दो
दुनियां के साथ
चलना सिखा दो
सच के रास्ते पर
अकेला हो गया हूं
मुझे झूठ बोलना सिखा दो
मां बापू यह कैसा
रास्ता दिखा गए तुम
जालसाज दुनियां के बीच में
सत्य बोलना सिखा गए तुम
प्रियसी मुझे
जीना सिखा दो
मीठी मीठी बातें बनाना सिखा दो
दुनियां के साथ
चलना सिखा दो
किसी के साथ
गलत होता देख कर
दुखी हो जाता हूं
परेशानी दूसरों की देख के
रो देता हूं
औरों की तरह मुझे
मुंह मोड़ना सिखा दो
प्रियसी मुझे
जीना सिखा दो
दुनियां के साथ
चलना सिखा दो
प्यार के लिए जीता हूं
प्यार के लिए मरता हूं
मां बाबू कैसा ये रास्ता
दिखा गए तुम
प्रियसी मुझे
ईर्ष्या सिखा दो
दुनियां के साथ
चलना सिखा दो
प्रियसी में
मैं ईश्वर देखता हूं
तुम ही अब मुझे
रास्ता दिखा दो
दुनियां के साथ
चलना सिखा दो
मुश्किलें आएंगी प्रिय
मां बापू के बताए पथ पर ही
चलना होगा प्रिय
सत्य परेशान हो सकता है
पराजित नहीं
सत्य से ही
सब का कल्याण होगा प्रिय
~भरत सिंह
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