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जीना है तेरे संग
प्यार करना है तुमसे
मेरी कविता दूर ना जाया करो
सांसे टूटती है तुम बिन
मुझे ना तड़पाया करो
सीने से लग जाया करो
एक क्षण भी तुम ना गवाया करो
लिखना है मुझे
'कविता मेरी प्रियसी' कविता संग्रह
मेरी कलम बन जाया करो
मुझ में ही तुम समा जाया करो
पढ़ना है मुझे
तुम किताब बन जाया करो
तुम्हीं में ही मुझे डूब जाने दो
होश में मुझे तुम नहीं आने दो
जीना है तेरे संग
एक क्षण भी तुम दूर ना जाया करो
गाना है मुझे
तुम गीत बन जाया करो
हार्टबीट मेरी तुम ना बढ़ाया करो
चिंता फिकर पैरों तले रौंद दिया करो
जीवन संगिनी हो मेरी मस्ती से जिया करो
नाचना है तेरे संग
तुम संगीत बन जाया कर करो
नाच - नाच के तुम फ्लोर तोड़ दिया करो
सभी तीज त्योहार धूमधाम से मनाया करो
जीना है तेरे संग
मेरी जान बन जाया करो
एक क्षण भी तुम दूर ना जाया करो
~ भरत सिंह
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