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घड़ी है
बदलते समय की गवाही देती आज भी है
उतार भी देखे चढ़ाव भी देखे
सुख भी देखे दुख भी देखे
दिन भी देखे रात भी देखी
निशानी प्यार की है
पहले वेतन से खरीदी तुम्हारे लिए
तुम्हारे हाथ की शोभा बढ़ाती आज भी है
घड़ी है
प्यारी सी याद भी है
बताती समय है
नजर जब पड़ती है
दिलाती याद भी है
घड़ी है
~भरत सिंह
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