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मैंने सुना है
प्यार दुनिया का सबसे बड़ा सुख
जिसे खरीदा नहीं जा सकता
फिर क्यों बिकते हैं दूल्हे?
कीमत लगाई जाती है
हैसियत और नौकरी देख कर
बेशर्मी से समाज के बाजार में
कोई क्रेटा मांगता है
कोई स्विफ्ट डिज़ायर मांगता है
सब ने अपनी अपनी कीमत रख ली है
दहेज लेकर इतराते हैं
फिर घूमते भी हैं
दहेज में मिली गाड़ियों में
सफेद कुर्ता पायजामा पहनकर
स्वघोषित खानदानी
डूब मरो चुल्लू भर पानी में
दहेज की शादी सौदा है प्यार नहीं
कविता के प्यार में मैं अनमोल हो गया
चुका नहीं सकता कोई कीमत तेरे यार की
उम्मीद करते हैं..
जागेगा जमीर आज के युवा का
चुनेगा का वह अपने प्यार को
ठुकरा देगा इस दहेज को
युवा ही करेगा दहेज रूपी दानव का दहन
रुकेगी भ्रूण हत्या
रुकेगी एक लड़के पर नसबंदी
मिलेगा समान दर्जा लड़की ओर लड़के को
~ भरत सिंह
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