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वो गोरी.....
मातपिता चंचल तितली
उछलीमचली वो कितनी
राज ना कोई बात आज
ना कोई है नाराज आज
तज पीहर वो चली आज
तोड़ सारे ये रीति रिवाज
कर सोलहो श्रृंगार साज
मुख पर ओढ़ चुनर लाज
मातपिता चंचल तितली
उछलीमचली वो कितनी
राज ना कोई बात आज
ना कोई है नाराज आज
तज पीहर वो चली आज
तोड़ सारे ये रीति रिवाज
कर सोलहो श्रृंगार साज
मुख पर ओढ़ चुनर लाज
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