विलक्षण व्यंजना's image
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जीवन सुंदरम मौन विषाद: पल पल सुखद ढेरे 
उलझन विकार छोड़ गई वेशभूषा टूट रही तेरे ।।

कंगना, चूड़ी,बिछिया,पायल विशाल यह जीवन
सिंदूरी उजड़ी माथे हाथ जग तान से बा

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