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भले ही खाना खा लो तुम,
सोने चांदी की संदर प्लेट में।
लेकिन अन्न पेट में वही जायेगा,
जो उगता हम किसानों के खेत में।।
जय किसान          जय बलिदान
   ✍️✍️✍️ यादव बाबू 

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