Share0 Bookmarks 235720 Reads0 Likes
ठिकाना इन परिंदों का कोई शजर होगा
दूर ही सही तेरा भी कोई घर होगा
थक गए हैं जानिब-ए-मंज़िल को चलते चलते
ना जाने कब ख़त्म ये सफ़र होगा
No posts
No posts
No posts
No posts
ठिकाना इन परिंदों का कोई शजर होगा
दूर ही सही तेरा भी कोई घर होगा
थक गए हैं जानिब-ए-मंज़िल को चलते चलते
ना जाने कब ख़त्म ये सफ़र होगा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments