न्यायधीश's image
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शायद तू मजबूर था, 

जो तूने मुझे दोषी माना, 


सच्चाई से दूर था, 

जो तूने मुझे न पहचाना,


जीवन दिया मैंने जिसे, 

उसी कर्म में चूक हुई, 


सब सच बोला मैंने, 

बातें सब दो टूक हुईं, 


मेरे प्रयासों को न जाना, 

जो त

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