ऐसे भी ग़म होते हैं जो दिल में घर कर जाते हैं's image
Poetry1 min read

ऐसे भी ग़म होते हैं जो दिल में घर कर जाते हैं

Prashant BeybaarPrashant Beybaar September 1, 2021
Share0 Bookmarks 212682 Reads1 Likes

ऐसे भी ग़म होते हैं जो दिल में घर कर जाते हैं

घर की चाहत रखने वाले यूँ ही बेघर जाते हैं 


मुद्दतों ना हाल पूछा, दिल में बस रक्खा गुमां

ख़्वाब आँखों की सतह पे ऐसे ही मर जाते हैं


तुम वो पहले शख़्स कब हो, लोग ऐसे ही मिले

क़ुर्बतों का वादा कर के दूर अक्सर जाते हैं


No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts