पवन छंद "श्याम शरण"'s image
Poetry1 min read

पवन छंद "श्याम शरण"

Basudeo AgarwalBasudeo Agarwal August 8, 2022
Share0 Bookmarks 31977 Reads0 Likes

श्याम सलोने, हृदय बसत है।

दर्श बिना ये, मन तरसत है।।

भक्ति नाथ दें, कमल चरण की।

शक्ति मुझे दें, अभय शरण की।।


पातक मैं तो, जनम जनम का।

मैं नहिं जानूँ, मरम धरम का।।

मैं अब आया, विकल हृदय ले।

श्याम बिहारी, हर भव भय ले।।


मोहन घूमे, जिन गलियन में।

वेणु बजाई, जिस जिस वन में।।

चूम रहा वे, सब पथ ब्रज के।

माथ धरूँ मैं, कण उस रज के।।


हीन बना मैं, सब कुछ बिसरा।

दीन

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts