महाराणा प्रताप's image
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जीवंत  ही  न  झुक  सका  स्वाभिमान  का  मस्तक यहाँ
दुःख  करने  कम  माँ  भारती  के,जन्मे  महाराणा  यहाँ
भुजबल  बड़ा  ही  श्रेष्ठ  जैसे  शम्भु  का  वरदान  हो
जो  चीर  दे  तूफ़ान  को  तेजस  में  वो  हनुमान  हो
वो  हिन्दू  रक्षक, राष्ट्रसेवक, धर्मपालक, कुलश्रेष्ठ  थे
थे, जो  वीर  योद्धा  सृष्टि  में, महाराणा  बड़े  ही  श्रेष्ठ थे
जब  घिर  चुकी  थी  आर्य  भूमि  आक्रांत  के  स्वभाव में
डूबी  हुयी  थी  सत्य  की  आभा  कहीं  अभाव  में
तब  शौर्य  ओजस  वीरता  का  परिणाम  बनकर  आये वो
निराशा  में  थी  जो  डूबी  हुयी, आशा  की  किरण  थे लाये  वो
वो  भयभीत  था  कायर  स्वयं  में  कल्पित  जिसे  महान  कहते
न  जीत  पाया  कपटी  वो ‘भारत’  जिसमें  स्वयं महाराणा  रहते
थी  रघुनाथ  सम  करुणा  हृदय  में  रीति  के  पक्के बड़े  थे
छोड़े  थे  कई  बार  शत्रु  जो  मृत्यु  के  सम  पर  खड़े थे
थी  घास  प्रिय  नवना  नहीं  ऐसे  राणा  पर  अभिमान है
वो  प्रताप, प्रिय  भारत  के  आदर्श  और  स्वाभिमान  हैं

~बालेन्द्र शर्मा ‘अनंत’

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