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जीवंत ही न झुक सका स्वाभिमान का मस्तक यहाँ
दुःख करने कम माँ भारती के,जन्मे महाराणा यहाँ
भुजबल बड़ा ही श्रेष्ठ जैसे शम्भु का वरदान हो
जो चीर दे तूफ़ान को तेजस में वो हनुमान हो
वो हिन्दू रक्षक, राष्ट्रसेवक, धर्मपालक, कुलश्रेष्ठ थे
थे, जो वीर योद्धा सृष्टि में, महाराणा बड़े ही श्रेष्ठ थे
जब घिर चुकी थी आर्य भूमि आक्रांत के स्वभाव में
डूबी हुयी थी सत्य की आभा कहीं अभाव में
तब शौर्य ओजस वीरता का&nb
दुःख करने कम माँ भारती के,जन्मे महाराणा यहाँ
भुजबल बड़ा ही श्रेष्ठ जैसे शम्भु का वरदान हो
जो चीर दे तूफ़ान को तेजस में वो हनुमान हो
वो हिन्दू रक्षक, राष्ट्रसेवक, धर्मपालक, कुलश्रेष्ठ थे
थे, जो वीर योद्धा सृष्टि में, महाराणा बड़े ही श्रेष्ठ थे
जब घिर चुकी थी आर्य भूमि आक्रांत के स्वभाव में
डूबी हुयी थी सत्य की आभा कहीं अभाव में
तब शौर्य ओजस वीरता का&nb
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