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नीयत और इंसान

Bajarang DubeyBajarang Dubey March 2, 2022
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थोड़ी देर भी आराम से कहीं बैठ जाओ
तो बेमतलब उठने में तकलीफ़ होती है।

और जो कहीं मुद्दत्तों से टिकी हों ये नज़रें किसी पर , उसे पाने की चाहत में फिर ये कहाँ शरीफ़ होती हैं।

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