नए रास्ते खोजने को,
कुछ नया कर दिखाने को,
मंजिलों को अपना बनाने को,
थोड़े से नादान थोड़े से समझदार,
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नए रास्ते खोजने को, कुछ नया कर दिखाने को, मंजिलों को अपना बनाने को, थोड़े से नादान थोड़े से समझदार, परिंदे आज उड़ चले।

@ susheel kumar@ susheel kumar October 29, 2022
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रास

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