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सीधा साधा सरल संभला हूं मैं
किसे फसाने का रिस्क लिया है तूने,
आधा अधूरा हूं इन भाषाओं में
फिर भी क्यों मुझसे इश्क किया है तूने।
इश्क मेरा रुला देगा हर बार तुझे,
ऐ जिंदगी न कर इतना प्यार मुझे।
मेरे दुखों में हंसती है
मेरे खुशियों में तू रोती है,
रात रात भर मुझे जगा के
कैसे खुद चैन से तू सोती है।
क्या चाहिए बस बता दे एक बार मुझे,
ऐ ज़िंदगी न कर इतना प्यार मुझे।
किसे फसाने का रिस्क लिया है तूने,
आधा अधूरा हूं इन भाषाओं में
फिर भी क्यों मुझसे इश्क किया है तूने।
इश्क मेरा रुला देगा हर बार तुझे,
ऐ जिंदगी न कर इतना प्यार मुझे।
मेरे दुखों में हंसती है
मेरे खुशियों में तू रोती है,
रात रात भर मुझे जगा के
कैसे खुद चैन से तू सोती है।
क्या चाहिए बस बता दे एक बार मुझे,
ऐ ज़िंदगी न कर इतना प्यार मुझे।
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