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देखो ना आज फिर दिन ढल गया
मधुबन मे खिली कलियाँ
फिर से मुरझा गयी
सूरज का दिन गया
चंद्रमा की रात हों गयी
देखो ना आज फिर दिन ढल गया
मंज़िल की ओर पग बढ़ाते बढ़ाते
रास्ते मे ही रात हों गयी
सूरज का दिन गया
चंद्रमा की रात हों गयी
देखो ना आज फ
मधुबन मे खिली कलियाँ
फिर से मुरझा गयी
सूरज का दिन गया
चंद्रमा की रात हों गयी
देखो ना आज फिर दिन ढल गया
मंज़िल की ओर पग बढ़ाते बढ़ाते
रास्ते मे ही रात हों गयी
सूरज का दिन गया
चंद्रमा की रात हों गयी
देखो ना आज फ
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