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May 30, 2022
क्या भरोसा में भरोसे पर डरता हूं kya bharosa main bharose par darta hun bps Thakur

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।। नज़्म ।।
क्या भरोसा में भरोसे पर डरता हूं
गले मिलने वालो से डरता हूं।
कोई दामन कोई उंगली कोई घर
छोड़कर गया में धागों से डरता हूं।
कल की बात है मेरे घर खुशियां ही थी
चिड़िया उड़ ना जाए हवा से डरता हूं।
कर्ज़ में करनी पड़ी विटिया की शादी
दुनिया की ईमानदारी से डरता हूं।
चैन से जीने वाले लोग मर जाते हैं
नया जमाना है अपनी औलाद से डरता हूं।
हाथ की लकीरें झूठी है दुआ नहीं करता
"भानु तेरी बातों से तेरे डर से डरता हूं।
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