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फूल की कली बढ़ती है
धीरे-धीरे धूप बरसात
और हवा के साथ अठखेलियां
करती हुई ...
एक दिन अचानक आ बैठता है
उस पर कोई भंवरा ...
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फूल की कली बढ़ती है
धीरे-धीरे धूप बरसात
और हवा के साथ अठखेलियां
करती हुई ...
एक दिन अचानक आ बैठता है
उस पर कोई भंवरा ...
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