
Share0 Bookmarks 76 Reads0 Likes
किस्सों से कहानी बना सकूं
ऐसे गहरे अलफ़ाज दे तु।
ग़म तो बरसते हैं बिन मौसम ही
इस बार हंसी की बरसात दे तु।
छोड़ गये हैं कई ख़ास यार
अब किसी अज़नबी का हाथ दे तु।
वज़ीर,रानी सब हार बैठा अज़हर
अब चला प्यादा और मात दे तु।
~अज़हर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments