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हम गहरी नींद में सोये थे, तेरे ख़्वाबों में खोये थे,
तुझसे हिज्र होने वाली थी कि आंख खुल गयी।
इशक इश्क बड़ा करते थे,हम वफा वफा पढ़ा करते थे,
तुझसे आंखे मिली थी कि आंख खुल गयी।
तुझसे हिज्र होने वाली थी कि आंख खुल गयी।
इशक इश्क बड़ा करते थे,हम वफा वफा पढ़ा करते थे,
तुझसे आंखे मिली थी कि आंख खुल गयी।
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