Kavishala SocialPoetry1 min read
हर साल रौशन रहता है यह शहर, यहाँ चिरागों से ज्यादा दिल जलते है।
November 8, 2021Share1 Bookmarks 216636 Reads2 Likes
एक नए साल की इबतिदा हो गयी, लेकिन पुराने साल की इबादत नहीं गयी
अच्छा रहा वो साल लेकिन फिर से नए इरादे लिखने की आदत नहीं गयी।
पिछले बरस के अधूरे सपनो को
बचपन के टूटे दांत की तरह तकिये के नीचे रख लेंगे
जनवरी की ठंडी धुं
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